एक कविता लिखने के बाद उसीसे प्रेरीत होकर दूसरी कविता का जन्म होता है। इस भाव पर कुछ दिनों पहले मराठी कविता लिखी थी, "शब्दांत शब्द गुंफत जाती" वही कविता आज हिंदी में
शब्दों से शब्द खिलती माला बनते हैं
सपनों से नए सपने जन्म लेते हैं
खिलते हैं जब ये भावपुष्प
काव्य से नवकाव्य जन्म लेते हैं
स्फुरित होते हैं भाव दिव्य अनुपम
खिलती हैं नई कविताएं
भावनाएं खिलती हैं भावनाओंसे
नवभाव जन्मते हैं कविताओंसे
भाव जब हृदय स्पर्शते हैं
गीतों से नवगीत जन्म लेते हैं
गीत नए जब हृदय गाए
सुर नए सुरों को बुलाए
शब्दों से शब्द खिलती माला बनते हैं
चैतन्यपूजा में काव्य पर काव्य:
शब्दों से शब्द खिलती माला बनते हैं
सपनों से नए सपने जन्म लेते हैं
खिलते हैं जब ये भावपुष्प
काव्य से नवकाव्य जन्म लेते हैं
स्फुरित होते हैं भाव दिव्य अनुपम
खिलती हैं नई कविताएं
भावनाएं खिलती हैं भावनाओंसे
नवभाव जन्मते हैं कविताओंसे
भाव जब हृदय स्पर्शते हैं
गीतों से नवगीत जन्म लेते हैं
गीत नए जब हृदय गाए
सुर नए सुरों को बुलाए
शब्दों से शब्द खिलती माला बनते हैं
चैतन्यपूजा में काव्य पर काव्य: