भगवान की भक्ति में, भगवान के लिए की जानेवाली छोटी से छोटी बात भी वे बहुत प्रसन्नता से स्वीकार करते हैं और अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं. भगवान के इस कृपालु स्वभाव पर कविता...'मन से ही पुकार लो एक बार'
मनसे ही पुकार लो एक बार
वो सुन लेंगे तुम्हारी पुकार
बस हाथ जोड़ लो एक बार
वो समझेंगे तुम्हारी प्रार्थना
आँखे बंद कर लो उनके स्मरण में
वो समझेंगे तुम्हारी वेदना
ये रिश्ता संसार का नहीं
लेन देन स्वार्थ का नहीं
वो हैं सिर्फ तुम्हारे
अकारण ही कृपालु सुहृद प्यारे
दूर भी नहीं तुमसे
बस एक बार पुकारके देखना....
पाओगे अपने पासही
वो अलग भी नहीं तुमसे
भक्तिमय कविताएँ:
मनसे ही पुकार लो एक बार
वो सुन लेंगे तुम्हारी पुकार
बस हाथ जोड़ लो एक बार
वो समझेंगे तुम्हारी प्रार्थना
आँखे बंद कर लो उनके स्मरण में
वो समझेंगे तुम्हारी वेदना
ये रिश्ता संसार का नहीं
लेन देन स्वार्थ का नहीं
वो हैं सिर्फ तुम्हारे
अकारण ही कृपालु सुहृद प्यारे
दूर भी नहीं तुमसे
बस एक बार पुकारके देखना....
पाओगे अपने पासही
वो अलग भी नहीं तुमसे
भक्तिमय कविताएँ: