कल नई कविता क्या लिखूं मैं सोच रही थी और कुछ पल के लिए लगा कि आज तो कुछ नहीं लिखा जा रहा. तभी मेरी कविता ने मुझसे बात की और मुझे प्रेरित किया लिखने के लिए...
प्रतिमा: कृष्णमोहिनी प्रतिमा ब्लॉगसे
मैं कविता
तुम्हारे हृदय में रहनेवाली
सदासे ही तुझमें ही
मूकरूपसे
तुझमें ही
बंद करो
कुछ देर आँखें
सुनने मुझे
मैं कविता
तुम्हारे हृदय में
रहनेवाली
तुम्हारे विचारों में
तुम्हारी कल्पनाओं में
तुम्हारे सपनों में
तुम्हारे प्रयासों में
जरा देखो
तो
तुम्हारे जीवन के
हर रूप में
हर पल
में
मैं कविता
तुम्हारे हृदय में
रहनेवाली
तुम्हारी दुनिया में
तुम्हारी सोचमें
तुम्हारे नजरिये में
अस्तित्व मेरा
देखो .....
आँख बंद
करके
सुनो मेरी
आवाज
मैं कविता
तुम्हारे ह्रदय में
रहनेवाली
सुनो अपनी
भावनाओं को
स्थिर, अस्थिर
और चंचल
सुनो कुछ
देर
मन के
इंद्रधनू को
वो सतरंगी
ही नहीं
हजारों भावनाओं से सजा
भावों की
अद्भुत छटाओं से
रंगा
मैं वही
हूँ
उन सबमें
मैं कविता
तुम्हारे हृदय में
रहनेवाली
तुम्हारे सुखदुःखोमें
तुम्हारी वेदनाओं में
तुम कहो
या ना कहो
मैं तो
हूँ वही
सुनो मेरी
आवाज
मैं तुझमें
ही हूँ
तुम्हारी कविता
मैं कविता
तुम्हारे हृदय में
रहनेवाली
इस अस्थिर
दुनिया में
इसकी अस्थिरता
में
अस्वस्थ मनमें
और ध्यान
की गहरी शांति
में भी
चलते हैं
ह्रदय के स्पंदन
हर क्षण
मैं वही
श्वास लेती हूँ
तुम्हारे हृदयमें
मैं कविता
तुम्हारे हृदय में
रहनेवाली
रचित अरचित
अनकही अनसुनी
सुनो मेरी
आवाज
लिखो अभी
वो कलम
राह देख रही
है
दुनिया राह देख रही
है
तुम्हारी
मेरी
कविता की
तुम्हारे हृदय में
रहनेवाली
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- English: Poem Residing in Your Heart
- Marathi: कविता हृदयात वसणारी
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