हर संध्या बहुत सुन्दर होती ही है ऐसा नहीं..लेकिन प्रत्यक्ष निसर्ग सौन्दर्य के बिना भी सौंदर्यानुभव और उदासी में भी शांति का गहरा अनुभव लाता आज का काव्य ....शांति-स्वर
शांत संध्या
उदास मन
न बहती हवा
न पंछियों का संग
गीत लिखूं कोई आज
शब्दों के बिना
उदासी की हलकीसी छटा
गहरे रंगों के बिना
मेरे मन का यह चित्र
अति सुन्दर
संगीत लेकर शांति का केवल
सुर और रंग
नाजुक से भावतरंग
चित्र, गीत या काव्य यह
अविचल मनकी शांति का
शांत स्वर है यह...
This poem transformed in English: ... Where Words Find Solace
चैतन्यपूजा में और हृदयस्पर्शी कविताएँ:
शांत संध्या
उदास मन
न बहती हवा
न पंछियों का संग
गीत लिखूं कोई आज
शब्दों के बिना
उदासी की हलकीसी छटा
गहरे रंगों के बिना
मेरे मन का यह चित्र
अति सुन्दर
संगीत लेकर शांति का केवल
सुर और रंग
नाजुक से भावतरंग
चित्र, गीत या काव्य यह
अविचल मनकी शांति का
शांत स्वर है यह...
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