आदर्श मित्रता कैसे होती है? बस...साथ देना! अपने दोस्त को साथ देना, अच्छे बुरे समय में हर वक्त 'मैं तुम्हारे साथ हूँ', यह एहसास ही दोस्ती को इतना खास बनाता है। इसी एहसास पर एक प्यारी सी कविता...
जिन्दगी से रूठ जाओ कभी
तो मुझसे बात करो
जिन्दगी तुमसे रूठे कभी
तो मुझसे बात करो
अपने आपसे हो अगर खफा कभी
तो मुझसे बात करो
कोई दिल तोड़ दे तुम्हारा
तो मुझसे बात करो
अनकहा कोई दर्द हो दिलमें
तो मुझसे बात करो
मैं हूँ यहीं तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
कोई साथ दे न दे जिन्दगी में
बस याद रखो
ये दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
झूठ, धोका या कोई दर्द दे तुम्हे
तुम आओ मेरे पास
यह दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
आंसू नहीं रुके तो मत छुपाओ उन्हें
तुम आओ मेरे पास
यह दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
ख़ुशी में लोग साथ छोड़ देते हैं कभी कभी
पर ख़ुश हो या दुखी, उदास
तुम आओ मेरे पास
यह दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
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तो मुझसे बात करो
जिन्दगी तुमसे रूठे कभी
तो मुझसे बात करो
अपने आपसे हो अगर खफा कभी
तो मुझसे बात करो
कोई दिल तोड़ दे तुम्हारा
तो मुझसे बात करो
अनकहा कोई दर्द हो दिलमें
तो मुझसे बात करो
मैं हूँ यहीं तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
कोई साथ दे न दे जिन्दगी में
बस याद रखो
ये दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
झूठ, धोका या कोई दर्द दे तुम्हे
तुम आओ मेरे पास
यह दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
आंसू नहीं रुके तो मत छुपाओ उन्हें
तुम आओ मेरे पास
यह दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
ख़ुशी में लोग साथ छोड़ देते हैं कभी कभी
पर ख़ुश हो या दुखी, उदास
तुम आओ मेरे पास
यह दोस्त है तुम्हारे लिए
तुम मुझसे बात करो
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