हे प्रभो यह चैतन्यपूजा हर श्वास से होती रहे
सुख - दुःख के क्षण में अविचल रहूँ
तेरे प्रेम में मन हर क्षण लीन रहे
हे प्रभो यह चैतन्यपूजा हर श्वास में होती रहे
हे प्रभो यह चैतन्यपूजा हर श्वास में होती रहे
चैतन्यपुजा ने दो वर्ष पुरे किये और यह साधना - आराधना नित्य चलती रहेगी । पूजा अकेले हो तो व्यक्तिगत हो जाती है, सब मिलके करें तो सारे समाज के अभ्युदय का कारण बनती है । क्योंकी पूजा में सबका सहयोग होता है । आप सबके मेरे साथ होने से यह पूजा अतिशय दिव्य बन गयी है। मेरे दोष - अहंकार सबका नाश लिखते रहनेसे हो रहा है और आप सबके साथ होने से छोटीसी लगनेवाली यह पूजा धीरे धीरे विश्व में फ़ैल रही है ।
परम पूजनीय सद्गुरुदेव श्री नारायणकाका महाराज से मेरी यही प्रार्थना है की जीवन के हर क्षण में हर रूप में अभिव्यक्त महान चैतन्य की पूजा ऐसीही चलती रहे । श्री गुरुदेव दत्त ।
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंनारी के अकेलेपन से पुरुष का अकेलापन ज्यादा घातक
बहुत बहुत आभार शालिनीजी :)
हटाएंप्रभू आपकी इच्छा की पूर्ति करें
जवाब देंहटाएंअरुन शर्मा
www.arunsblog.in
बहुत बहुत आभार अरुण शर्मा जी :)
हटाएंयह मेरा परम सौभाग्य है की इस ब्लॉग के माद्यम से आपके विचारों को पढने का अवसर प्राप्त हुआ। आपकी प्रार्थनाओं में सहभागी होने मिला। आपको अनेको धन्यवाद, मैं आशा करती हूँ की हमारी यह पूजा निरंतर चलती रहे और हमे एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देती रहे। बहुत बहुत शुभकामनाए :)
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आरतीजी :)
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