कल रक्षाबंधन का त्योहार है और मेरे प्यारे भाइयों के लिए मेरा प्यार इस काव्य में .........
रक्षा का जो वचन
दिया था तुमने
हर बुराईसे, हर दु:ख दर्द से
हर पीड़ा, हर दहशत से
प्यार जो तुमने कहा था बचपनसे
प्यार जो तुमने किया था बचपनसे
यूँही निभाते रहना
तेरे जैसा वचन किसीने न दिया
प्यार इस भोलीसे,
भोलासा जो तुमने किया
ओ मेरे प्यारे भाई
ऐसेही जीवनभर साथ रहना
तुम ‘दीपक’ हो मेरे
अँधियारे जीवन में
तुम ‘ज्ञानेश’ हो मेरे
अध्यात्म जीवन में
‘नवीन’ हो तुम हर पल भैया
दु:खोंसे मुझे दूर रखो
हर क्षण भैया
ईश्वरस्वरूप 'गोविंद'
हो तुम हे मेरे प्यारे भैया
रक्षाबंधन पे मेरी अंग्रेजी कविता मेरे भाइयों के लिए Bond of Rakhi
दीपक के लिए कविता : अगर तुम न होते दीपक
ज्ञानेशदादा के जन्मदिवस पे : Dnyanesh - The God of Knowledge
Bohot hi sundar kavya is hardik uplaksh par..Dil khush kar diya..
जवाब देंहटाएंसिमरन मुझे भी खुशी हुई आपको फिरसे यहाँ देखके| बहुत बहुत प्यार आपको|
जवाब देंहटाएंGreat di. . . .thnxxx a lot :))
जवाब देंहटाएंगोविंद चैतन्यपूजा में तुम्हे देखकर बहुत खुशी हुई, और वोह भी रक्षाबंधन पे| मुझे खुशी है, प्यार का यह छोटासा एहसास तुम्हे अच्छा लगा| :)
जवाब देंहटाएंBahut khub....behatraeen kavya...Apko aur apke Bhayion ko meri aur se iss paawan parv ke uplaksh par bahut bahut badhai....
जवाब देंहटाएंHappy Raksha Bandhan..
App bhi mera aur simran ka kavye padhe>>>>
http://nimhem.blogspot.com/2011/08/raksha-bandhan-thread-of-protection.html
हेमा, बड़ी प्रसन्नता हुई आपको भी यह अच्छा लगा....आपको भी ढेर सारी शुभकामनाएँ| :)
जवाब देंहटाएंकितना सुंदर काया है!
जवाब देंहटाएंशब्द नहीं है मेरे पास|
wow.. Choti
जवाब देंहटाएंtune to kamal hi kar diya :)
कमाल तो तेरे प्यार का है...दीपक| :) मुझे बहुत खुशी हुई, तुमने यह सब पढ़ा|
जवाब देंहटाएं