काव्य कुछ नया सा

लिखना है कुछ नया 
करना है कुछ नया 

ऐसा हो काम मेरा 
हर दिन बने कुछ नया 

नूतनताही अस्तित्व मेरा 

प्रवाही है जीवन मेरा

हर क्षण हो कुछ नया 
सुबह शाम हर पल नया 

बीती बातें छूट गयीं 
आनेवाली दिखने लगी 

स्मरण रहा कुछ नया 
स्मरण होगा कुछ नया 

इतिहास बनेगा अब नया 
जीवन बनेगा वहि नया 

सामान्य होगा पर मन नया 
विशिष्ट होगा पर कल नया 

सबमे होगा फिर भी नया 
अलग होगा कुछ और नया 

पुराना भी कुछ नया 
नया तो है सदा नया 

नूतनता यह है क्या 
आशाकी कोई किरण नयी 

आगे और है कुछ  नया 

टिप्पणियाँ

  1. bahut badhiya...very much on the likes of Vajpayee ji and Hariwansh Rai sahab....

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  2. नमस्ते नटवरजी!

    बहुत बहुत धन्यवाद! आपने तो मेरा बहुत बडा सम्मान कर दिया| मै क्या बोलु? मेरा विनम्र अभिवादन इन महान कवियोको और आपको भी|
    यह चैतन्य की पूजा है, मुझे तो कुछ आता नही, परंतु चैतन्य की पूजा स्वयं चैतन्यसे हो रही है, चैतन्यकी अभिव्यक्ती वास्तवमे दिव्यं आनंदप्रद है| पुनः धन्यवाद!

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  3. यदि आप 'प्यारी मां' ब्लॉग के लेखिका मंडल की सम्मानित सदस्य बनना चाहती हैं तो
    कृपया अपनी ईमेल आई डी भेज दीजिये और फिर निमंत्रण को स्वीकार करके लिखना शुरू
    करें.
    यह एक अभियान है मां के गौरव की रक्षा का .
    मां बचाओ , मानवता बचाओ .

    http://pyarimaan.blogspot.com/2011/02/blog-post_03.html

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  4. डॉ. अन्वरजी चैतन्यपूजा मे आपका हार्दिक स्वागत! आपने 'प्यारी मा' ब्लॉग मे लेखिका मंडल की सन्मानित सदस्या बनने के लिये आमंत्रित करके वास्तव मे मेरा बहुत बडा सम्मान किया है| मा के विषय मे लिखना किसे अच्छा नही लगेगा| आपसे संपर्क करूंगी| मै छोटे शहर से हू अत: धीमा नेट संपर्क और बिजली की कमी ऐसे कारणो से आपको उत्तर देने मे विलंब हुआ| मै आपकी क्षमाप्रार्थी हूँ| आपका सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहे ऐसी आशा है |

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  5. डॉ. अन्वरजी चैतन्यपूजा मे आपका हार्दिक स्वागत! आपने 'प्यारी मा' ब्लॉग मे लेखिका मंडल की सन्मानित सदस्या बनने के लिये आमंत्रित करके वास्तव मे मेरा बहुत बडा सम्मान किया है| मा के विषय मे लिखना किसे अच्छा नही लगेगा| आपसे संपर्क करूंगी| मै छोटे शहर से हू अत: धीमा नेट संपर्क और बिजली की कमी ऐसे कारणो से आपको उत्तर देने मे विलंब हुआ| मै आपकी क्षमाप्रार्थी हूँ| आपका सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहे ऐसी आशा है |

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  6. नमस्ते नटवरजी!

    बहुत बहुत धन्यवाद! आपने तो मेरा बहुत बडा सम्मान कर दिया| मै क्या बोलु? मेरा विनम्र अभिवादन इन महान कवियोको और आपको भी|
    यह चैतन्य की पूजा है, मुझे तो कुछ आता नही, परंतु चैतन्य की पूजा स्वयं चैतन्यसे हो रही है, चैतन्यकी अभिव्यक्ती वास्तवमे दिव्यं आनंदप्रद है| पुनः धन्यवाद!

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चैतन्यपूजा मे आपके सुंदर और पवित्र शब्दपुष्प.