कविता: दुआ प्रस्तुतकर्ता Mohini Puranik को दिसंबर 12, 2016 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप दुआ कौनसी मांगें आपके लिए जब आपका होना ही है दुआ हमारे लिए दुआ किससे मांगें हम आपके लिए जब खुदा भी तो आप ही हैं हमारे लिए अन्य मधुर कविताएं: खुबसूरत हैं वो पल रौशनी है तुमसे सिर्फ उनको Twitter: @Chaitanyapuja