२०१६ के अंत में काफिया पोएट्री द्वारा सुझाए 'साल' विषय पर लिखी कुछ काव्य पंखुडियां
साल यूंही गुजर गया उनसे मिले बिना
हाल अपना बिगड़ता रहा उनसे मिले बिना
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हाल अपना बिगड़ता रहा उनसे मिले बिना
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चाहत को सालों में कैसे गिने
साल बदल जाएगा
ये मौसम बदल जाएगा
और आजका इंतजार भी कल
हमारे मिलन में बदल जायेगा
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ये मौसम बदल जाएगा
और आजका इंतजार भी कल
हमारे मिलन में बदल जायेगा
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शायरी का जश्न मनाते रहे सालभर
दिल से दिल को लिखते रहे सालभर
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वो पल इस साल ने बहुत हसीन दिया
जब आपको हमारी आँखों में बसा दिया
जब आपको हमारी आँखों में बसा दिया
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नया साल लिखेंगे नयी उम्मीदोंसे
प्यार की कलमसे गीत ख्वाबोंसे
प्यार की कलमसे गीत ख्वाबोंसे
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तुम यूंही साथ रहना
तुम यूंही साथ रहना
मेरी शायरी के लफ़्ज बनना
मेरे दिल के एहसास बनना
साल आते जाते रहेंगे पर
मेरी जिंदगी के पल तुमही बनना
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साल ये बदल जाएगा
पर हम नहीं बदलेंगे
आपके प्यार को
काव्य में यूँहीं सजाते रहेंगे
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सपनों को उम्मीदों से बांधेंगे
उम्मीदों को प्रयासों में बदलेंगे
आनेवाले साल में मिलकर हमतुम
प्यार की प्यारिसी दुनिया लिखेंगे
कुछ और प्यारीसी कविताएं:
मेरे दिल के एहसास बनना
साल आते जाते रहेंगे पर
मेरी जिंदगी के पल तुमही बनना
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साल ये बदल जाएगा
पर हम नहीं बदलेंगे
आपके प्यार को
काव्य में यूँहीं सजाते रहेंगे
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सपनों को उम्मीदों से बांधेंगे
उम्मीदों को प्रयासों में बदलेंगे
आनेवाले साल में मिलकर हमतुम
प्यार की प्यारिसी दुनिया लिखेंगे
कुछ और प्यारीसी कविताएं:
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