प्यार और विरह का एक और खुबसूरत भाव आज की प्रस्तुति में,
दिल बहलाने के लिए बहाने हजारों हैं
उनको लगता है की मर जाएँगे उनके बिना
गम बिछड़ने का ही जीने की लिए काफी है
तनहा न तो हम हैं तनहा न तो वो हैं
बिछडके भी हाँ तनहाई कहाँ है ?
यादें हमारे प्यार की तो दोनों के ही साथ हैं
मिलेंगे फिर किसी मोड़ पर
अगर पुकारा प्यार ने दोनों को
इस इंतजार का मरहम ही तो है
जीने के लिए अच्छा बहाना
वो भलेही चुप हो जैसे भुलाये हमें बैठे
उस दिल की धडकनें सुनना
काम इस दिल को क्या कम है
चुप तो बैठे हम भी है लेकिन इरादा भूलने का नहीं
दिल की पुकार और प्यार का राज बोल दे
यह अंदाज हमारा भी तो नहीं
दिल बहलाने के लिए बहाने हजारों हैं
उनको लगता है की मर जाएँगे उनके बिना
गम बिछड़ने का ही जीने की लिए काफी है
तनहा न तो हम हैं तनहा न तो वो हैं
बिछडके भी हाँ तनहाई कहाँ है ?
यादें हमारे प्यार की तो दोनों के ही साथ हैं
मिलेंगे फिर किसी मोड़ पर
अगर पुकारा प्यार ने दोनों को
इस इंतजार का मरहम ही तो है
जीने के लिए अच्छा बहाना
वो भलेही चुप हो जैसे भुलाये हमें बैठे
उस दिल की धडकनें सुनना
काम इस दिल को क्या कम है
चुप तो बैठे हम भी है लेकिन इरादा भूलने का नहीं
दिल की पुकार और प्यार का राज बोल दे
यह अंदाज हमारा भी तो नहीं
बहुत खूब .. प्रेम विरह में निखर जाता है ...
जवाब देंहटाएंनमस्ते दिगम्बर जी! चैतन्यपुजा में आपका हार्दिक स्वागत | आपकी प्रतिक्रीया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
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