हम कभी कभी बहुत
उदास हो जातें हैं, दु:खी होतें हैं, रोने का मन करता है पर आसूँ भी नहीं आते| फिर
हम जीवन में कोई परिवर्तन लातें हैं, कुछ बदलाव हमारी आदतों में, कुछ समय हम अपने
आप के लिए देतें हैं| आज कल हम दुनिया से बहुत दूर चलें गएँ हैं| हमें बस् अकेले रहना
हैं, और अपनी भावनाओं को, अपने जीवन को समझना है| |
हम ऐसे बिना बताएँ
गायब हो जातें हैं, तो हमारे सुहृदों को बड़ी चिंता होने लगती है| हम किसी समस्या
में फसे हो, तो बात नहीं कर पाते| पर आजकल तय किया है, आप सबको चिंता न हो
इसलिए हम ब्लॉग पे तो मिलते ही रहेंगे और कभी कभी हालचाल भी बताया करेंगे|||||
तो आज हम ऐसेही कुछ
खयालोंमें खोएँ हुए थे......और ह्रदय ने या कहे की ह्रदय में बसे ईश्वर ने कर्मयोग
समझा दिया| और बस्.....आ गएँ आपसे मिलने...(वैसे अपने आपको ‘हम’ कहना कुछ अच्छा
लगता है...)
अपने आपसे भी कभी
थोड़ासा प्यार कीजिये
जिंदगी है खूबसूरत
बहुत
हर पल की खुशी महसूस
कीजिये
उडती तितली, खिलती
कली,
हँसता चंदा और तारों
की बोली
सब कहें, सब गायें
आपके लिए तराना यही
जिंदगी है खूबसूरत
बहुत
हर पल का गीत जरा
सुना करिये
कहाँ भाग रहें हैं
पाना हैं क्या आपको?
हाथसे पल फिसला जा
रहा है
खुशीके उसको थामना
नहीं है आपको?
आपही के लिए तो है
खुशियाँ खिली हजारों
आपको ही तो
मुस्कुराने के लिए
कलियाँ खिली है
करोड़ों
छोड़के खुशी जो है इस
पल में समायी
कल की चिंता से आप -
हमने जिंदगी है गवायी
चलो ठान लेते हैं
आजसे ही
एक वादा करतें हैं
अपने आपसे ही
एक जीवन पूरा है इस
पलमें
इस पल की खुशी को
थाम लेते हैं अभी से
आज, कल भविष्य के
लिए
भगवान चिंता करे हम
सब के लिए
भगवान के प्यार के
लिए हम चिंता छोड दे
ईश्वर से मुलाकात के
लिए थोडा भागना छोड़ दें
आईये इस पल को समेट
लें
हर छोटीसी खुशी को
थाम लें
सब कुछ उनकी ईच्छा
से
सब कुछ अच्छा हो ही
रहा है
यह पल जो आपने थाम
लिया
तो जीवन संवर ही गया
है
कल के गम आज रुला रहें
हैं
किसी का धोका आँखों
को भीगा रहा है
कोई भय धडकन को चुरा
रहा है
कोई चिंता ह्रदय को
जला रही है
सबकी पीड़ा सच्ची है
यह दर्द भी सच्चा है
पर खुशी छुपी है इस
पल में
जो न आसूँ हैं, न
चिंता हैं, न भय, न कोई व्यथा है
हर पल जिसमे केवल
कर्तव्य है
हर पल जिसमे प्रेम
से भरा कर्म है
हर पल जिसमे भक्ति
का अंश है
वह पल केवल एक
मुस्कुराहट है
हमें न कही भागना है
हमें न किसीसे डरना
है
आसूँओं को भी अपना
काम करना है
पर हमें तो हर पल
प्रेम में ही जीना है
न आसक्ती है, न
पराजय का भय है
इस पल में केवल
प्रेम का फल प्रेम ही है
हर कर्म हो प्रेम
से,
हर पल का कर्तव्य हो
प्रेम से
सारा जीवन हो
समर्पित प्रेम को,
जीवन के कर्म
संग्राम को
आशा – निराशा से परे
ईश्वर के प्रेममय
नामको
कृष्णा ने भी तो यही
कहा है
कर्म – भक्ति योग
बतलाया है
इस छोटीसी बात को आज
समझ लेतें हैं
आईये,
इस पल को यहीं प्रेम
से थाम लेतें हैं
जीवन का प्यार भरा
गीत
एक संगीत बना देतें
हैं
इस पल को थाम लेतें हैं
सच कहा आपने.. ज़िन्दगी के वह कुछ पल जो हमें इश्वर की कृपा से प्राप्त हुए है, उन्हें निष्कपट और सच्चे प्रेम के रस से परिपूर्ण कर के... इश्वर के ही चरणों में समर्पित कर देते है... आपके सुन्दर विचारों ने मन मोह लिया, मोहिनीजी... आभार.
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