बस् 'उनके' लिए ......एक और गीत
'उनके' ही कारण एक और गीत...
पता नहीं कब बड़ी हो गयी
पिया ने एक बार जब प्यार से देखा
मेरे पिया की मै मधुर तान हो गयी
श्याम प्रेम में सजने लगी
पता नहीं कब मै बड़ी हो गयी
शर्माना तो मुझे उसीने सिखाया
उसकी मधुर मुस्कान ने
कुछ पागल मुझे ऐसे बनाया
गालों पे ऐसी लाली आयी
पता नहीं मै कब बड़ी हो गयी
मन था जरा रूखा सूखा
कर्म का ही बस् व्याप था सारा
प्रेम की नदियाँ पलकों से झलकी
पता चला मै तो बड़ी हो गयी
सुंदरता तो पहले भी थी
पर कारण उसका जानती न थी
श्याम – सुन्दर की मोहिनी छा गयी
पता नहीं ‘मोहि’ सुन्दर कब हो गयी
मुरली तो पहले भी बहुत सुनी थी
प्रेमकहानियाँ भी बहुत पढ़ी थी
अपलक नयनों से जब श्याम दिखा
एक नयी प्रेमकहानी फिरसे शुरू हुई
अरी सखी! मै तो बड़ी हो गयी
ऋतू तो बस् बदलते रहे
प्रेम के बिना ही हम जीते रहे
वह मुस्कान कृष्णा की ऐसी देखी
प्रेम का ऋतू ही बस् जीने लगे
श्याम सुन्दर की मधुर बासुरी
श्याम सुन्दर की मधुर मुस्कान
प्रेम ही प्रेम बसा है उसमे
जिससे थी मै सदा अनजान
अब वही मधुरिम मुस्कान
बन गयी है ‘हमारे’ मधुर प्रेम की पहचान
काल तक जो बचपन का सपना था
आज जीवन का ‘प्रेमगीत’ बन गया
काल तक जो भोलेसे बोल थे
आज ‘कृष्णप्रेमगीत’ बन गए
आज ‘कृष्णप्रेमगीत’ बन गए
प्रेम के विलक्षण दिव्य भावों को दर्शाती राधाजी और कृष्णकी छवि लार्ड श्रीकृष्ण फोटो
के सौजन्य से! नमन इनको! Hindu God Photo, Hindu Goddess Lord Wallpaper, Snaps, God Photo Picture आपको शत शत नमन!
Kitna madhur aapka yeh geet, dil ki pukar... is bhavpurn prastuti ke liye apka bahut aabhar...
जवाब देंहटाएंआभार आरती|
हटाएंyou truly define love with divinity, so pure, a possession you worship through your creation so perfectly rooted to your soul, sister. i am also flowing in the enigmatic love.
जवाब देंहटाएंसंचीता दीदी | नमस्ते
हटाएंwow - hamare pas shabd nahi hai .. lovely indeed !
जवाब देंहटाएंभोगीजी बहुत बहुत आभार|
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