प्रेमाभक्ति की हुई यह कैसी अभिव्यक्ति!
प्रेमाभक्ति सब भुला देती है,
आशा निराशा से परे आनंद देती है
जीवन में बस आनंद ही आनंद देती है
राधा- कृष्ण की प्रीत पुरानी
नया काव्य यह क्या बनने लगा
पूर्णता का अहसास होने लगा
कुछ न सूझे इस प्रेम में
मै तो भई दीवानी
श्याम प्रेम में
भक्ति न जानू मै प्रेम न जानू मै
कृष्ण कृष्ण बस एक ही गाऊ मै
आज यह नया गीत कैसा निकला
दिल का यह शोर बाहर आया
तमन्ना मेरे प्यार की
कैसे बताऊँ बात कृष्ण प्रेम की
सुना था बहुत इस प्रेम का
आम सा जीवन तो मेरा भी था
कोशिश कभी मैंने भी की थी
पर उस प्यार को मै न समझी थी
आज उसीमे मै दीवानी हुई
राधा मीरा जिसमे जीती रही
मर जाउंगी या ऐसेही जीऊँगी
मै तो पागल श्याम श्याम गाऊँगी
मै तो पागल श्याम श्याम गाऊँगी
आखोंसे से आसू बरसने लगे
प्रेम की मधुर प्यास गाने लगे
मै तो कुछ समझती नहीं थी
और एक गीत क्या यह गाने लगी
होश में नहीं आना है मुझे अब
प्रेम के सिवा नहीं पाना है कुछ अब
जो पाके भी मै फिर मांगने लगी
यह कैसी लीला श्याम तुमने दिखाई
श्याम श्याम बहुत सुना था
चोर यह दिल का बहुत बुरा था
आज यह खेल मुझसे खेला
प्यार में मुझे भी उसने छीन लिया
एक बार सामने आके छुपता है
तड़पा तड़पा के फिर हसता है
बहुत बुरा यह नंदलाला है
गोपियों इसके जाल में नहीं आना है
आना न आना हमरे कहाँ हाथ में
वो माखन चोर दिल चुरा ले जाता है
हम बावरी खोजती रहती है
वह हसके तड़पाता रहता है
वह हसके तड़पाता रहता है
बहुत बहुत सुन्दर| अप्रतिम|
जवाब देंहटाएं१५ मिनट हो गए सोच रहां हु की क्या लिखू! प्रतिक्रया के लिए शब्द सुझ नहीं रहे है| शब्दों से परे है|
कान्हा का प्रेम ऐसे हि है !
जवाब देंहटाएंवाह!! प्रेम पगी रचना..
जवाब देंहटाएंUttam... Kanhaiya ka roop hi aisa hai ki ham sab uske peeche mohit ho jate hain!!
जवाब देंहटाएंShubh Din:)
बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसमीर जी ! चैतन्यपूजा मे आपका हार्दिक स्वागत | आपके यहाँ आने के लिये और इस अति सुंदर शब्द पुष्प के लिये बहुत बहुत आभारी हूँ| आगे भी आपका प्रोत्साहन मिलता रहे, यह प्रार्थना है | :)आपको यह गीत अच्छा लगा यह पढके मन अति हर्षित हुआ|
जवाब देंहटाएंआरती ! आपने बहुत सुंदर कहा, इसपर क्या लिखूँ | :)
जवाब देंहटाएंडा दिव्या जी ! चैतन्य पूजा मे आपका हृदय से स्वागत है | आपके यहाँ आने के लिये और इस अति सुंदर शब्द पुष्प के लिये बहुत बहुत आभारी हूँ| आगे भी आपका प्रोत्साहन मिलता रहे, यह प्रार्थना है | :)आपको यह गीत अच्छा लगा और इस चैतन्य पूजा मे आप जुडी यह पढके मन को अतिशय प्रसन्नता हुई | पुन: आभार|
जवाब देंहटाएंडा दिव्या जी ! चैतन्य पूजा मे आपका हृदय से स्वागत है | आपके यहाँ आने के लिये और इस अति सुंदर शब्द पुष्प के लिये बहुत बहुत आभारी हूँ| आगे भी आपका प्रोत्साहन मिलता रहे, यह प्रार्थना है | :)आपको यह गीत अच्छा लगा और इस चैतन्य पूजा मे आप जुडी यह पढके मन को अतिशय प्रसन्नता हुई | पुन: आभार|
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति
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